पैंक्रियाज कैंसर से झुंझ रहे गुरु पंकज उदास नहीं रहे आज हमारे बीच |

आज 26 फरवरी 2024 में जाने माने मशहूर हस्ती पंकज उदास हमारे बीच नहीं रहे

वही पंकज उदास जिन्होने (ना कजरे की धार) (जिए तो जिए कैसे ) और (चिट्ठी आई है) जैसे हिट गाने गए थे|

17 मई 1951 को गुजरात जेतपुर में जन्मे पंकज उदास ने 6 साल की उमर से ही किया था शुरू गाने का सफर पंकज उदास भारत के एक गजल गायक थे साथ ही वे (1919-2003) मैं शास्त्रीय नेतक कोरियोग्राफी और ओडिसी के आदि गुरु थे |उन्हे ‘ओडिसी नृत्य जनक’ के रूप में भी जाना जाता था जिन्होनें 26 फैब्यूरी 2024 में आज आखिरी सांस ली|

परिवार के लिए वो छोड़ गए अपने करोडो की संपत्ति परिवार में उनकी पत्नी फरीदा उदास और दो बेटियां, नायब उदास और रीवा उदास है

लम्बी बिमारी पैंक्रियाज कैंसर से 72 साल की उम्र में झुंझ रहे पंकज उदास के निधन से पूरा म्यूजिकल इंडस्ट्री आज शोक में है|

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